1- इस दुनिया में कोई किसी का नहीं है जैसा कर्म करोगे खुद भोगना पड़ेगा।
2- मरने के बाद सारी संपत्ति यहीं रह जायेगी यमलोक सिर्फ आत्मा और कर्म ही जायेंगे।
3- मरने के बाद पापियों की बहुत दुर्दशा होती है यमदूत किसी भी प्रकार की दया नहीं करते हैं।
4- जीवात्मा प्रियजनों की याद में भयंकर विलाप करता है जबकि प्रियजनों को मृतक की संपत्ति में ही रुचि रहती है।
5- मरते समय सारे अच्छे बुरे कामों का सिंहावलोकन होता है।
6- यमराज के सामने हमारे कर्मों की गवाही देने के लिए श्रवण एवं श्रवणी नामक देव उपस्थित होते हैं।
7- वैतरणी नदी के किनारे पहुँचने पर गौदान का महत्व पता चलता है।
8- अब भी समय है अच्छे काम करिये, दूसरों का सम्मान करिये नहीं तो भयानक नर्क भोगने के लिए तैयार रहिये।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें